‘दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।’ पंक्ति के रचनाकार हैं?
‘durit, duhkh, dainy n the jb jञaat, aprichit jraa-mrण-bhroo paat..’ pnkti ke rchnaakaar hain? - Hindi-gk.in
- (A) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- (B) महादेवी वर्मा
- (C) सुमित्रानंदन पंत
- (D) जयशंकर प्रसाद
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